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गणतंत्र अभी अधूरी है ## प्रसून कुमार मिश्रा, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट, संस्थापक, विश्व शक्ति पार्टी

गणतंत्र अभी अधूरी है ## प्रसून कुमार मिश्रा, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट, संस्थापक, विश्व शक्ति पार्टी आज देश को आजाद हुऐ कई साल हो गए, लेकिन सही मायने में अभी ये आजादी सभी लोगों तक नहीं पहुँच पाई है । इसका प्रमुख कारण हमारे देश की लीडरशिप है, जिसने हमारे देश को भरस्टाचार से खोखला कर दिया, और इस भरस्टाचार का मुख़्य कारण भी हमारे देश का लोकतंत्र ही है जो देश के लोकतंत्र को पार्टीतंत्र और धनतंत्र में बदल दिया है, इसलिए हम कह सकते है कि अभी गणतंत्र अधूरा है क्योंकि अभी तक यह सिर्फ अमीरों को ही मिल पाया है । इस अधूरे गणतंत्र के लिए खास रूप से जो जिम्मेदार है, वे है हमारे देश कि लीडरशिप, हमारे देश का चुनाव आयोग तथा हमारे देश कि मीडिया । सर्वप्रथम हमारे देश कि लीडरशिप देश में समानता लाने में फेल हो चुके है । अमीरों और गरीबों के बीच बहुत बड़ी खाई है । आज भी लोग महज दो वक्त कि रोटी हेतु परेशान नजर आते है । बेरोजगारी कि एक भीड़ सी खड़ी हो गई है । राजनीती में सहभागिता सिर्फ अमीरों कि रह गई है । इसका कारण हमारे देश कि निक्कमी लीडरशिप है। हमारा चुनाव आयोग भी कम जिम्मेदार नहीं है । भारत के संविधान के...

*देश के लोकतंत्र को खोखला करता मीडिया !!!*

*देश के लोकतंत्र को खोखला करता मीडिया !!!*  * प्रसून कुमार मिश्रा , अधिवक्ता , सुप्रीम कोर्ट , संस्थापक VSP* लोकतंत्र के चौथे स्तम्ब कहे जाने वाली मीडिया पर ही आज लोकतंत्र को खोखला करने का आछेप लग रहा है । आखिर इसका कारण क्या है , जब हम इसकी पड़ताल करते है तो पता चलता है की यह एक पेशा की जगह एक व्यवसाय बन चूका है जहाँ बड़े - बड़े पूंजीपति पैसे लगाते हैं,   पैसे कमाने के लिए । यदि पत्रकारिता व्यवसाय बन जाता है तो स्वाभाविक है की सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही काम की जाती है। यही हुआ हमारे मीडिया ( पत्रकारिता ) के साथ। सबसे बड़ी बात   यह है की मीडिया लोगों के दिमाग पर बहुत जल्दी छा जाता है और असर करता है और बहुत ही काम समय में दूर तक और अधिक से अधिक लोगों तक बात को पंहुचा देता है। इस बात का पूरा फायदा हमारे देश की मीडिया उठती है। चुनाव में भी हम देख सकते है की मीडिया इस लोकतंत्र को कैसे पार्टीतंत्र और धनतंत्र में बदल दे...