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Showing posts from December, 2018

*'चुनाव आयोग' भारतीय लोकतंत्र में सबसे बड़ा खतरा!!!*

*'चुनाव आयोग' भारतीय लोकतंत्र में सबसे बड़ा खतरा!!!*   *प्रसून कुमार मिश्रा, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट, संस्थापक, विश्व शक्ति पार्टी* भारत के संविधान के आर्टिकल ३२४ के अनुसार भारत का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र  संस्था है I इन्हें चुनाव के आयोजन व नियंत्रण करने का पूर्ण अधिकार और आजादी भारतीय संविधान ने दी है I मगर यह संस्था एक तरह से बड़े पार्टियों के फायदे के लिए ही काम कर रही है, जिससे देश का लोकतंत्र, पार्टीतंत्र/धनतंत्र में परिवर्तित हो चुका है इसलिए यहाँ के लोकतंत्र में चुनाव जीतने के लिए यह जरुरी नहीं है कि आप कैसे व्यक्ति है और आपकी समाज में कैसी छवि है और आपने समाज की भलाई के लिए क्या किया है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आप किस पार्टी से हैं। देश में इस पार्टीतंत्र को स्थापित करने का मुख्य श्रेय  हमारे चुनाव आयोग को ही जाता है I चुनाव आयोग के चुनाव कराने का तरीका और दिशा-निर्देश भारतीय संविधान के आर्टिकल १४, 'समानता के अधिकार' के खिलाफ है I हमारा चुनाव आयोग चुनावों में समानता का अधिकार अभी तक लागू नहीं कर पाया है और न ही अभी तक उनकी सोच यहाँ तक पहुंची है I इसके स...

RIGHT TO BAIL IN INDIA

RIGHT TO BAIL IN INDIA: Prasoon Kumar Mishra, Advocate, Supreme Court Bail, in law, means procurement of release from prison of a person awaiting trial or an appeal, by the deposit of security to ensure his submission at the required time to legal authority. The Criminal Procedure Code, 1973 or Cr.P.C. does not define bail, however it talks in details about the bail process and how it is obtained. Section 2(a) Cr.P.C.   says that bailable offense means an offense which is shown as bailable in the First Schedule or which is made bailable by any other law for the time being enforce, and non-bailable offense means any other offense. Thus, section 2(a) Cr.P.C. talks about schedule which refers to all the offenses under the Indian Penal Code and puts them into bailable and on bailable categories which have been determined according to the nature of the crime. For instance, all serious offences like offenses punishable with imprisonment for three years or more have seen consid...

विश्व शक्ति पार्टी का संगठन खड़ा कैसे करे ? प्रसून कुमार मिश्रा, संस्थापक, VSP :

पार्टी का संगठन खड़ा अकेले नहीं हो सकता I यह एक टीम वर्क है I इसमें सबसे पहले आपको अपनी ३० लोगों की एक टीम बनानी है ,फिर हर टीम के मेंबेम्बेर को अलग-अलग क्षेत्र के लिए टीम बनाने की जिम्मेदारी देनी है और उन जिम्मेदारियों को उनसे पूरा करवाना हैI टीम के लोगों की इज्जत बढ़ानी है, समाज के सामने I उनके खासियत को भी समाज के सामने उभारना है I उन्हें समय समय पर संपर्क कर टीम निर्माण में कहाँ तक आगे बढ़े है, पूछते रहना है और कोई दिक्कत हो तो सही सलाह देनी हैI खुद को नेता के रूप में नहीं दिखाना है, अपितु दूसरों को नेता बनाना हैI यदि आपके टीम में लीडर पैदा हो जाते है तो आपका टीम निर्माण सफल हो जाता हैI आपने पार्टी की राज्य इकाई बना ली है तो उन सारे लोगों को एक नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने की कोशिश करें, अपने के लिए होड़ में शामिल न हो और फिर उनसे जिला इकाई का गठन करवाए I हरेक जिले में कुछ कुछ लोगों को जिम्मेदारी दे, ताकि वे वहां पार्टी का संगठन तैयार कर सके, संगठन निर्माण हेतु जिम्मेदारी ले और जिम्मेदारी दूसरे को भी दे I कभी भी छोटी - छोटी अहम की भावना में न उलझे I कभी भी दूसरे को अपने से छोटा न स...